जो गा नहीं सकता वह सच्चे अर्थों में जी नहीं सकता,आवाज चाहे जैसी हो पर गाओ और जियो।वाह ओम प्रकाश मिश्र जी !शस्वरं पर ज़रूर विजिट करके अपनी बात कहिएगा ।शुभकामनाएं ।- राजेन्द्र स्वर्णकार शस्वरं
जो गा नहीं सकता वह सच्चे अर्थों में जी नहीं सकता,आवाज चाहे जैसी हो पर गाओ और जियो।
ReplyDeleteवाह ओम प्रकाश मिश्र जी !
शस्वरं पर ज़रूर विजिट करके अपनी बात कहिएगा ।
शुभकामनाएं ।
- राजेन्द्र स्वर्णकार
शस्वरं